भारतीय संविधान की उद्देशिका के बारे में जानकारी | Indian Preamble in Hindi
भारतीय संविधान की उद्देशिका के बारे में जानकारी | Indian Preamble in Hindi
नमस्ते, इस लेख में, हम भारतीय संविधान की उद्देशिका के बारे में जानकारी पेश करेंगे. संविधान की प्रस्तावना को 'उद्देश्य' कहा जाता है. संविधान के मूल्य और उद्देश्य संविधान के उद्देश्यों से स्पष्ट हैं. इसलिए उद्देश्य संविधान के अर्थ को समझने की कुंजी है. चलिए देखते है Preamble to the Indian Constitution.
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Preamble to the Indian Constitution |
भारतीय संविधान की उद्देशिका (Indian Preamble in Hindi)
लोकतंत्र लोगों या उनके प्रतिनिधियों द्वारा देश पर शासन करने की प्रथा है. लोकतंत्र को स्वीकार करके, संविधान प्रत्येक भारतीय नागरिक को सरकार में भाग लेने का अधिकार देता है. अठारह वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार है.
प्रजातांत्रिक गणतंत्र/ Democratic republic
भारत में सभी भारतीय नागरिकों को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए चुनाव लड़ने का अधिकार है. हमारे देश में, ये सभी पद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लोगों द्वारा चुने जाते हैं. इसलिए हमारा देश एक 'गणतंत्र' है.
समाजवाद/ Socialism
हमने समाजवाद के लक्ष्य को अपनाकर आर्थिक असमानता और शोषण को खत्म करने के सिद्धांत को स्वीकार किया है. समाजवाद का उद्देश्य अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करना है. कमजोर वर्गों की रक्षा करना है.
धर्मनिरपेक्षता/ Secularism
संविधान ने धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को अपनाया है. तदनुसार, किसी भी धर्म को राज्य के धर्म के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है. देश के मामलों में किसी भी धर्म या संप्रदाय का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. संविधान में स्पष्ट किया गया है.
न्याय/ Justice
असमानता को समाप्त करके सभी को विकास का समान मौका देना मतलब न्याय स्थापित करना. सामाजिक न्याय जाति, धर्म, नस्ल, लिंग, धन या सामाजिक स्थिति के आधार पर और शक्ति और संसाधनों की एक उचित हिस्सेदारी की प्राप्ति के बिना, सभी व्यक्तियों की समानता की मान्यता है. संविधान का उद्देश्य ऐसे सामाजिक न्याय पर आधारित समाज का निर्माण करना है.
आजादी/ Independence
भारतीय संविधान नागरिकों को कई तरह की आज़ादी देता है. हमारा संविधान भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संघ की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, व्यापार की स्वतंत्रता, संचार और स्वतंत्रता की गारंटी देता है. स्वतंत्रता नागरिकों को खुद को और समाज को विकसित करने का अवसर देती है.
समानता/ Equality
भारत के संविधान ने समानता के मूल्य को स्वीकार किया है. राज्य धर्म, जाति, जातीयता, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर व्यक्तियों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता है. इसी समय, संविधान सरकार को समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान करने का अधिकार देता है.
भ्रातृत्व/ Brotherhood
भाईचारा बिना किसी भेद के सभी लोगों के लिए सम्मान और प्यार की भावना है. भाईचारा भारतीय नागरिकों को एक साथ रहने, एक दूसरे पर भरोसा करने और देश के विकास की उम्मीद करता है.
इन उद्देश्यों को आसानी से प्राप्त किया जाना चाहिए. इसलिए संविधान में आवश्यक प्रावधान किए गए हैं. सरकार को इसके लिए कानून बनाने की शक्ति दी गई है. हमारा संविधान असमानता और शोषण को समाप्त करके न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए बहुत अनुकूल है. इसलिए भारतीय संविधान को 'सामाजिक परिवर्तन का उपकरण' कहा जाता है.
मौलिक अधिकार इन हिंदी | Fundamental Rights Of India कोनसे है
Conclusion
हमने इस पोस्ट में देखा की भारतीय संविधान की उद्देशिका है. इस ब्लॉग में Preamble to the Indian Constitution के बारे में डिटेल्स से जानकारी देखीं. हम आशा करते है की यह आपको समझ में आया होगा. Post अच्छी लगे तो Comment करके जरूर बताना.
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